मतलबी दुनिया


कभी अपना था जो आज पराया हो गया
बदला फिर भी कुछ नहीं बस 'पट्टा''बदल गया

बड़े किस्म किस्म के लोग हैं यहां
बड़ी सतरंगी है ये कहकशां
मिलते तो हम अब भी है उनसे
पर, अब वो पहले वाली बात कहां

जहां हो, जैसी हो, वहीं....वैसे ही रहना तुम...!
तुम्हें पाना जरुरी नहीं, तुम्हारा होना ही,काफी है मेरे लिये..

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