मेरे पापा


नाम दिया पहचान दिया
हाथ पकड़ सही दिशा दी
क्रोधित होने पर भी उसने
दिल से हमेशा प्यार किया

दिनभर दौड़ धूप कर उसने
भरन पोषण का इंतजाम किया
आंखों में सपने देखे हमने ही,पर
उन सपनों को उड़ान पिता ने दिया

Comments

Popular posts from this blog

गिरना भी अच्छा है, औकात का पता चलता है

कविता तिवारी का देशप्रेम

मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर